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- Agriculture Minister Tomar Introduced 2 Bills Related To Farming In Rajya Sabha, Said These Will Change The Lives Of Farmers, They Have No Relation With MSP
नई दिल्ली6 घंटे पहले
राज्यसभा में वोटिंग के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने वेल पर जाकर सदन की रूल बुक फाड़ दी।
- आज सुबह 9 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित, कई विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया
- संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी उपसभापति के साथ अभद्रता करने वाले सांसदों के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे
राज्यसभा में रविवार को केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े दो बिल ध्वनिमत से पास करा लिए। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे। सदन में बिल पर वोटिंग के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। बाद में 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
करीब 100 लोगों के दस्तखत किया हुआ प्रस्ताव संसद के नोटिस ऑफिस में सबमिट किया गया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि राज्यसभा के उप-सभापति को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया है।
हंगामा इतना हुआ कि मार्शल बुलाने पड़े
जो विधेयक पास कराए गए उनमें फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल शामिल हैं। इन पर वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने वेल में जाकर जमकर नारेबाजी की। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश का माइक तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने सदन की रूल बुक फाड़ दी।
सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा। 10 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद फिर से वोटिंग प्रक्रिया शुरू हुई और हंगामे के बीच ही विधेयकों को सरकार ने पास करा लिया।
They have broken every rule of the Parliament. It was a historic day, in the worst sense of the word. They cut RSTV feed so the country couldn’t see. They censored RSTV: TMC MP Derek O’Brien after uproar in the House on farm bills https://t.co/VltTgKOx5w
— ANI (@ANI) September 20, 2020
उपसभापति से अभद्रता करने वाले सांसदों के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा
उपसभापति हरिवंश के साथ अभद्रता करने वाले सांसदों के खिलाफ सोमवार को संसद में प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी पेश करेंगे। इसे राज्यसभा की कार्यवाही के रूल 256 के तहत लाया जाएगा। इसके जरिए उपसभापति से दुर्व्यवहार करने वाले सांसदों को निलंबित करने की मांग की जाएगी।
पीएम मोदी ने दी बधाई, फिर कहा- एमएसपी और सरकारी खरीद जारी रहेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा से दोनों बिल पास होने के बाद 8 ट्वीट किए। किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ”भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।” एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने एक बार फिर से किसानों को भरोसा दिलाया कि एमएसपी और सरकारी खरीददारी पहले की तरह जारी रहेगी।
भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2020
कृषि मंत्री बोले, किसानों की जिंदगी बदल जाएगी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन के पटल पर विधेयक रखते हुए कहा कि दोनों बिल ऐतिहासिक हैं, इनसे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी। किसान देशभर में कहीं भी अपना अनाज बेच सकेंगे। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि बिलों का संबंध न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नहीं है।
कांग्रेस ने विरोध किया, राहुल बोले- मोदी जी किसानों को गुलाम बना रहे
कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे। राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा।
मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को:
1. APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा?
2. MSP की गारंटी क्यों नहीं?मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।#KisanVirodhiNarendraModi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2020
वाईएसआरसीपी सांसद ने कहा- कांग्रेस दलालों के साथ खड़ी
वाईएसआरसीपी सांसद पीपी रेड्डी ने कांग्रेस पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने सदन में कहा, ”कांग्रेस के पास इस बिल के विरोध का कोई कारण नहीं है। कांग्रेस दलालों के साथ खड़ी है। उन्होंने कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र लहराते हुए कहा कि यह पार्टी किसानों हित के नाम पर पाखंड कर रही है। कांग्रेस ने भी यही वादे घोषणापत्र में किए थे जिन्हें इस बिल में रखा गया है।” रेड्डी के इस बयान पर कांग्रेस ने हंगामा किया। सांसद आनंद शर्मा ने रेड्डी से माफी मांगने को कहा।
केजरीवाल बोले- सब मिलकर बिल का विरोध करें
आम आदमी पार्टी ने भी किसानों से जुड़े बिल का विरोध किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके सभी विपक्षी दलों से इस बिल के विरोध में वोटिंग करने को कहा। आप सांसद संजय सिंह ने बिल को काला कानून बताया। यह भी कहा कि आने वाले समय में कृषि पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी।
आज पूरे देश के किसानों की नज़र राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है। https://t.co/NcEX4aYFQz
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 20, 2020
सदन में कौन-क्या बोला?
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की तरफ से बिल का स्वागत किया। कहा, आज का दिन किसानों को न्याय देने का दिन है।
- आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा ये काला कानून है। आप किसानों को धोखा दे रहे हैं। देश की जनता को धोखा दे रहे हैं। आप देश के किसानों की आत्मा बेचने का काम कर रहे हैं।
- शिवसेना सांसद संजय राउत ने पूछा कि क्या सरकार यह स्पष्ट करेगी कि इस बिल को लागू करने के बाद किसानों की आय डबल हो जाएगी? किसान आत्महत्या नहीं करेंगे? उनके बच्चे भूखे नहीं नहीं रहेंगे? इस बिल को लेकर केवल पंजाब-हरियाणा में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। पूरे देश में किसान नहीं प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका मतलब ये है कि बिल को लेकर केवल भ्रम है। सरकार को इन चीजों को स्पष्ट करना चाहिए।
- बसपा के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि किसान एमएसपी को लेकर संशय में हैं। उन्हें डर है कि कहीं ये एमएसपी खत्म तो नहीं हो जाएगी। सरकार को इन मुद्दों को क्लियर करना चाहिए। इसके अलावा मंडी समिति में पूर्व की तरह बिक्री जारी रहेगी या नहीं?
- अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने बिल को वापस सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। कहा कि, इस बिल में कई खामियां हैं। इसे बिल से जुड़े सभी लोगों से चर्चा करने के बाद ही पास किया जाए।
- वाईएसआरसीपी सांसद पीपी रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के पास इस बिल के विरोध का कोई कारण नहीं है। कांग्रेस दलालों के साथ खड़ी है।
- आरजेडी के सांसद प्रो. मनोज कुमार झा ने कहा, ” प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि किसान बिल पर कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं, जबकि हकीकत ये है कि आपने तो सबकी राहें ही गुम कर दी हैं। बिल में कई चीजें स्पष्ट नहीं हैं। ये किसान विरोधी बिल है।”
- डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने भी कृषि विधेयकों का विरोध किया। उन्होंने कहा, देश के कुल जीडीपी में कम से कम 20% का योगदान करने वाले किसानों को इन विधेयकों के जरिए गुलाम बनाया जाएगा। यह किसानों को मार देगा और उन्हें एक वस्तु बना देगा।
- समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सत्ताधारी पार्टी इन बिल पर चर्चा ही नहीं करना चाहती है। ये केवल इन बिल को पास कराने के लिए इसे पेश कर रहे हैं। यही नहीं, इस बिल को रखने से पहले किसानों के किसी संगठन से चर्चा भी नहीं की।
- तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की इनकम डबल करने का वादा किया है, लेकिन मौजूदा दर के हिसाब से तो 2028 तक डबल नहीं हो सकता। आपके (प्रधानमंत्री) वादों से आपकी विश्वसनीयता कम होती जा रही है।
- माकपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक ने विधेयकों में संशोधन की मांग की। इसे राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।
- कांग्रेस ने बिल का विरोध किया। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे।
- भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस से पूछा कि जब आपकी सरकार थी तो साल दर साल ग्रामीण क्षेत्रों की आय क्यों कम हुई? आप इस बिल का क्यों विरोध कर रहे हैं?
पंजाब-हरियाणा में प्रदर्शन, दिल्ली में हाई अलर्ट
बिलों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को भी बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर उतरे। उधर, हंगामे की संभावना को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसान दिल्ली में बवाल न हो सके। इसी मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं।
क्या हैं ये विधेयक?
- कृषि सुधारों के लिए द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल 2020 लाया गया है।
- इन तीनों ही कानूनों को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 5 जून 2020 को ऑर्डिनेंस की शक्ल में लागू किया था। तब से ही इन पर बवाल मचा हुआ है। केंद्र सरकार इन्हें अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार कह रही है। लेकिन, विपक्षी पार्टियों को इसमें किसानों का शोषण और कॉर्पोरेट्स का फायदा दिख रहा है।

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